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ब्रह्म मुहूर्त: ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाले व्यक्ति को जीवन में अपार सफलता मिलती है। हर किसी को ब्रह्म मुहूर्त में उठने की आदत डालनी चाहिए। लेकिन यह भी ध्यान रखें कि ब्रह्म मुहूर्त के दौरान कुछ कार्य वर्जित होते हैं। भगवान की पूजा के लिए ब्रह्म मुहूर्त को सर्वोत्तम माना जाता है। आइए जानते हैं ब्रह्म मुहूर्त में कौन से काम नहीं करने चाहिए। 

ब्रह्म मुहूर्त में ब्रह्म का अर्थ है - भगवान (ईश्वर), इसलिए ब्रह्म मुहूर्त का अर्थ है 'ईश्वर का समय'। प्रातः 4 बजे से 5:30 बजे तक के समय को ब्रह्म मुहूर्त कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस शुभ समय पर जागने वाले भक्त पर देवी लक्ष्मी की कृपा सदैव बनी रहती है।

ब्रह्म मुहूर्त के दौरान व्यक्ति को अपने मन को पूरी तरह से शांत रखकर भगवान का ध्यान करना चाहिए। इस अवधि में अपने मन में कोई भी गलत विचार न लाएं। साथ ही इस दौरान किसी भी प्रकार के मिथ्या भाषण का प्रयोग न करें, अन्यथा आपको मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

ब्रह्म मुहूर्त में जागने के बाद तुरंत भोजन नहीं करना चाहिए। यह न केवल धार्मिक दृष्टि से गलत है, बल्कि स्वास्थ्य की दृष्टि से भी अच्छा नहीं है। क्योंकि ऐसा करने से व्यक्ति को कई तरह की बीमारियां घेर लेती हैं।

हिंदू धर्म में ब्रह्म मुहूर्त को देवी-देवताओं के स्मरण का समय कहा जाता है। ऐसे में इस दौरान ब्रह्मचर्य का पालन करना चाहिए। साथ ही इस दौरान किसी का भी अपमान न करें, अन्यथा आपको अशुभ परिणाम मिल सकते हैं।  

शास्त्रों के अनुसार ब्रह्म मुहूर्त वह समय होता है जब भगवान धरती पर आते हैं और सभी धार्मिक स्थलों के द्वार खोल देते हैं। ब्रह्म मुहूर्त में उठने वाला व्यक्ति बलवान, स्वस्थ, बलवान, सुखी और दीर्घायु होता है। ब्रह्म मुहूर्त में उठने से सौंदर्य, बल, विद्या, बुद्धि और आरोग्य की प्राप्ति होती है।