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बजट उम्मीदें: नई सरकार है, नया बजट होगा, एक नई उम्मीद है. प्रधानमंत्री मोदी के लगातार तीसरी बार शपथ लेने से लोगों में जगी नई उम्मीद. लेकिन एक उम्मीद है जिसका इंतज़ार पिछले 10 साल से हो रहा है. वह है बजट में वेतनभोगी वर्ग के लिए टैक्स में कटौती. इस बार नया क्या है? वित्त मंत्री तेज हैं, प्लानिंग भी वैसी ही होगी, ग्रोथ पर भी फोकस रहेगा. हालाँकि, यह पूर्ण बहुमत वाली सरकार नहीं है। तो इस बजट में कुछ अलग और खास हो सकता है. उम्मीद है, अलग-अलग चर्चाएँ होंगी। जब वित्त मंत्री बजट पेश करेंगे तो हकीकत सामने आ जायेगी. हाल ही में सूत्र बता रहे हैं कि इनकम टैक्स रेट में कटौती पर विचार किया जा रहा है.

क्या वित्त मंत्री नया इनकम टैक्स स्लैब लाएंगे?
समाचार एजेंसी रॉयटर्स के मुताबिक, दो सरकारी सूत्रों ने कहा कि सरकार खपत को बढ़ावा देने के लिए टैक्स दरों में कुछ छूट दे सकती है. जुलाई में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण मोदी सरकार के तीसरे कार्यकाल का पहला पूर्ण बजट पेश करेंगी. चुनौती उनके सामने भी होगी. जिस तरह से लोकसभा चुनाव के नतीजे आए हैं, उससे मध्यम वर्ग को खुश करने की कोशिश होगी. चर्चा है कि बजट 2024 में नए टैक्स स्लैब का ऐलान हो सकता है. इसका फायदा यह होगा कि व्यक्तिगत करों में कटौती से अर्थव्यवस्था में खपत बढ़ेगी और मध्यम वर्ग को बचत बढ़ाने का मौका मिलेगा।

कौन खुश होगा?
अब सवाल यह है कि इन बजट घोषणाओं से कौन खुश होगा? किस वर्ग को आकर्षित करेंगे वित्त मंत्री? सूत्रों के मुताबिक 15 लाख रुपये से ऊपर की आय वाले ग्रुप को खुश करने की योजना बनाई जा रही है. इस आय वर्ग में कर छूट या अन्य लाभ प्रदान किए जा सकते हैं। तो 10 लाख रुपये तक की आय वाले लोगों का इनकम टैक्स स्लैब कम किया जा सकता है. सरकार पुरानी कर व्यवस्था में 30 फीसदी की उच्चतम दर को खत्म कर नई सीमा तय करने पर विचार कर रही है. वित्त वर्ष 2023-24 में भारत की जीडीपी 8.2 प्रतिशत की मजबूत दर से बढ़ने का अनुमान है, जबकि खपत आधी दर से बढ़ी है। ऐसे में उम्मीद है कि खपत बढ़ाने के लिए ऐसा किया जा सकता है.

टैक्स स्कीम में क्या होगा बदलाव?
लोकसभा चुनाव के नतीजों ने सभी को चौंका दिया है. नतीजों के बाद कराए गए एक सर्वे से पता चला है कि देश के मतदाता महंगाई, बेरोजगारी और घटती आय को लेकर काफी चिंतित हैं. चर्चा है कि सरकार का फोकस टैक्स स्कीम में बदलाव पर हो सकता है. इसमें 15 लाख रुपये तक की आय वर्ग पर 5 फीसदी से 20 फीसदी तक टैक्स और 15 लाख रुपये से ज्यादा की आय पर 30 फीसदी टैक्स है. प्रधानमंत्री ने खुद दावा किया है कि उनकी सरकार मध्यम वर्ग की बचत बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है. इसके पीछे एक तर्क है. पिछले कुछ वर्षों में, व्यक्तिगत करदाता की आय 3 लाख रुपये से बढ़कर 15 लाख रुपये हो गई है, जो पाँच गुना है, जबकि इस अवधि के दौरान आयकर की दर छह गुना बढ़ गई है, जो बहुत अधिक है।