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Gyanvapi ASI Report: ज्ञानवापी विवाद (gyanvapi controversy) में ASI रिपोर्ट के आधार पर बड़ा खुलासा हुआ है. एएसआई की 176 सदस्यीय टीम ने ज्ञानवापी परिसर का जो सर्वे किया था, उसकी रिपोर्ट सार्वजनिक हो चुकी है. इस रिपोर्ट में ज्ञानवापी को बड़ा हिंदू मंदिर बताया गया है. इसमें 32 अहम हिंदू स्थानों का जिक्र किया गया है. शिवलिंग के अलावा नंदी, गणेश जी की मूर्तियां भी मिली हैं. वकील विष्णु शंकर जैन ने खुलासा किया है. हिंदू पक्ष के मुताबिक, 32 जगहों पर हिंदू मंदिर होने के सबूत मिले हैं.
सर्वे में मिली 55 मूर्तियां
भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (Archaeological Survey of India) की टीम को ज्ञानवापी के सर्वे में 55 मूर्तियां मिलीं हैं. वैज्ञानिक पद्धति से हुए सर्वे में मंदिर के प्रमाण के साथ ही विष्णु, मकर, कृष्ण,द्वारपाल, नंदी, हनुमान, पुरुष और मन्नत तीर्थ समेत अन्य विग्रह मिले हैं. 15 शिवलिंग और अलग-अलग काल के 93 सिक्के भी पाए गए हैं. पत्थर की मूर्तियों के साथ ही अलग-अलग धातु, टेराकोटा सहित घरेलू इस्तेमाल की 259 सामग्रियां मिली हैं. एक पत्थर पर राम नाम लिखा है. सर्वे में मुख्य गुंबद के नीचे बेशकीमती टूटी कीमती धातु मिला है. इसे मुख्य शिवलिंग बताया जा रहा है. इस जगह पर खनन और सर्वे की बात कही गई है.
काल के सिक्के संरक्षित
मुगल काल, अंग्रेजी हुकूमत सहित अन्य समय काल के निशान मिले हैं. शाह आलम और सिंधिया काल के सिक्के (एक और 25 पैसे) संरक्षित किए गए हैं. एएसआई की सर्वे रिपोर्ट में ज्ञानवापी की दीवार से सहित कई जगहों पर मिले विग्रह और धार्मिक चिह्नों की विधिवत जांच की गई.
93 सिक्के एकत्रित
ASI ने 93 सिक्के एकत्रित किए हैं. इनमें विक्टोरिया महारानी, विक्टोरिया रानी, धीरम खलीफा, किंग चार्ज समेत अन्य काल के सिक्के शामिल हैं. एएसआई ने टेरोकोटा की 23 मूर्तियों, 2 स्लिंग बॉल, 1 टाइल्स, 1 डिस्क, देवी-देवताओं की 2 मूर्तियां, 18 मानव की मूर्तियां, 3 जानवरों की मूर्ति को सबूत के तौर पर जुटाया है. 113 धातु की सामग्रियां भी मिलीं हैं. हर चिह्न को पूरे विवरण के साथ ही प्रस्तुत किया है.
सर्वे के लिए सुप्रीम कोर्ट में आवेदन
ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट सार्वजनिक होने के बाद 29 जनवरी को हिंदू पक्ष (hindu side) सुप्रीम कोर्ट में एक और प्रार्थना पत्र देगा. इस प्रार्थना पत्र में परिसर स्थित सील वजूखाने का एएसआई से सर्वे कराने का अनुरोध किया जाएगा. इसके साथ ही कुछ अन्य पुख्ता साक्ष्य एकत्र करने के लिए अयोध्या के श्रीराम जन्मभूमि जैसी खोदाई की मांग भी की जाएगी.