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नरेंद्र मोदी सरकार की अग्निपथ योजना पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. अब शहीद के परिवार ने इस योजना पर सवाल उठाए हैं, जिसमें शहीद अग्निशमन कर्मियों को शहीद का दर्जा नहीं दिया गया है.

सेना भर्ती योजना अग्निपथ को लेकर नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी द्वारा सदन में सवाल उठाए जाने के बाद सेना की सफाई के बाद भी मामला नरम नहीं पड़ा है.

इस बीच पंजाब के शहीद अग्निवीर के परिवार ने माना है कि उन्हें 98 लाख रुपये का मुआवजा मिला है. हालांकि अग्निवीर का परिवार सेना की भर्ती योजना से संतुष्ट नहीं है. एक बयान में परिवार वालों ने केंद्र सरकार से कुछ और मांगें की हैं.

लुधियाना के गांव रामगढ़ सरदार के अजय कुमार अग्निपथ योजना के तहत भारतीय सेना में शामिल हुए। जनवरी 2024 में जम्मू-कश्मीर के राजौरी इलाके में एक बारूदी सुरंग विस्फोट में घायल होने के बाद वह शहीद हो गए थे।

लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने सोमवार को 18वीं लोकसभा के पहले सत्र में अग्निपथ योजना का मुद्दा उठाया. उन्होंने अजय कुमार के परिवार से मुलाकात का एक वीडियो भी शेयर किया.

राहुल गांधी ने सदन में दावा किया कि अग्निवीर के अजय के परिवार को मुआवजे के तौर पर सिर्फ 48 लाख रुपये मिले हैं. वहीं रक्षा मंत्री ने राहुल गांधी के बयान को गलत बयानी करार दिया. उन्होंने कहा कि शहीद अग्निवीर के परिवार को एक करोड़ रुपये दिये गये हैं.

बाद में सेना ने मामले पर सफाई देते हुए कहा कि ऐसा सुनने में आया है कि शहीद अग्निवीर अजय कुमार के परिवार को उचित मुआवजा नहीं दिया गया है. लेकिन ऐसा नहीं है. 98.39 लाख रुपये का भुगतान किया जा चुका है.

अब शहीद अग्निवीर अजय कुमार के परिवार का बयान सामने आया है. अग्निवीर शहीद के पिता ने कहा, हम चाहते हैं कि अग्निवीर योजना खत्म हो और हमें पेंशन और कैंटीन कार्ड मिले. सरकार ने हमें पैसा दिया है, लेकिन हम चाहते हैं कि वे इस योजना को बंद कर दें.

अजय कुमार की बहन ने कहा कि मुआवजा राशि अपर्याप्त है. मुआवजे की रकम को लेकर चिंता जताते हुए उन्होंने मीडिया को दिए बयान में कहा, ''चार साल की नौकरी में मेरे भाई की जान चली गई. जब सरकार ₹1 करोड़ का वादा करती है, तो क्या कोई परिवार इसके बिना रह सकता है? उन्होंने अग्निवीर योजना के पुनर्मूल्यांकन की भी मांग की।